सोमवार, 13 नवंबर 2017

!! नन्हें-नन्हें बच्चे हैं ये खेलने-कूदने दे इन्हें !!


असीम आसमान
है उनके सामने
पर पंखों में अभी
उतनी जान नहीं।

धीरे-धीरे सीख लेंगे
वे भी एकदिन उड़ना
अभी सीखने दें चलना
अभी सिखाए उड़ान नहीं।

उनकी भी एक फ़ितरत
एक अलग अपना स्वभाव है
इंसान हैं वे भी हमारे
सपने पूरे करने का सामान नहीं।

हम जो कर न पाए
हमें जो मिल न पाया
कोमल मासूम कंधों पे
डाले वे अधूरे अरमान नहीं।


नन्हें-नन्हें बच्चे हैं ये
खेलने-कूदने दे इन्हें
जिंदगी फिर कभी होगी
बचपन जैसी आसान नहीं।



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