गुरुवार, 25 जनवरी 2018

!! है आपको नमन, है आपको नमन !!

लिखनी है उन भाइयों के
नाम एक पाती
हम तक पहुँचे गोलियाँ
उससे पहले लगा दें जो छाती।

ठिठुरती ठंड में बुज़ुर्ग  
दुआओं की गरमाइश भेज रहे हैं
छोटे-छोटे भाई आपके
चाँद-तारों की फ़रमाइश भेज रहे हैं।

माँओं की सदायें
माथे के लिए चुम्बन भेज रही हैं
पिता की चुप्पी
हौसलों का गगन भेज रही है।

बहने भेज रही हैं
आपकी सलामती की प्रार्थना
बूढ़ी दादी कर रही हैं
इंतज़ार भर अँगना।

बच्चों की किलकारियाँ
बहनों की शहनाइयाँ
जो भी है सब आपसे
कुछ भी नहीं आप बिना।

आप हैं हम सबका ग़ुरूर
है आपको हम सबका नमन
आपका पे करे तिरंगा गुमान
आपसे से गुलज़ार देश का चमन।

है आपको नमन, है आपको नमन!

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