गुरुवार, 1 मार्च 2018

!! अपने ही रंग में भीगोता है वो नंद का लाल बिरज का छोरा !!

अपने ही रंग में भीगोता है वो 
नंद का लाल,बिरज का छोरा 
वृषभानलली पे ऐसा रंग डाला 
बाक़ी सब रंग से नाता ही तोड़ा।

अबकी होली हमें भी भीगो दो 
मीरा वाले उस श्यामल रंग से 
मन भी भीगे और प्राण भी भीगे 
हैं हम बेरंग जाने कितने जनम से।

नर तन पाकर भी न रंगे तो फिर 
किस काम का ये आना-जाना
श्याम रंग से रंगा न जीवन तो 
क्या रंग, क्या गुलाल लगाना।

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