बुधवार, 2 नवंबर 2016

!! वो छोटी-सी चिड़िया !!


नहा रही थी वो झूम झूमकर
कभी ज़मीन तो कभी
ले सहारा डाली का
एक छोटी-सी चिड़िया ।

ले रही थी बारिश का मज़ा
भूलकर तिनका और
दाना चोंच का
एक छोटी-सी चिड़िया ।

धूप खिल जाएगी
बारिश बंद हो जाएगी
नही था ग़म उसे इसका
एक छोटी-सी चिड़िया ।


नही था उसे शाम की चिंता
न सिर पे बोझ कल का
ले रही थी मज़ा इस पल का
एक छोटी-सी चिड़िया।

धूप भी खिल गयी
बारिश भी थम गयी
उड़ चली आकाश पकड़ तिनका
एक छोटी-सी चिड़िया।

मातम मनाना छोड़
आज में जीने का सलीक़ा
सीखा गयी पल में
वो छोटी-सी चिड़िया।


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