घर की बिटिया साँवली
इसका ब्याह कैसे होगा
बेसन चंदन हल्दी लेप
कुछ इसका रंग निखरेगा
ज़्यादा होगा देना लेना
हो सकता है पैर पकड़ना
जब अपनी बेटी है साँवली
किसी और को क्या दोष देना
बहू भी लाएँगे गोरी चिट्टी
दामाद भी गोरा ही अच्छा
सांवला गोरा पहली कसौटी
जब भी पैदा हो कोई बच्चा
तेरी बहन तो गोरी है कैसे तू काली
वो माँ पे लगता चली गयी तू
नयन नक़्श तो बहुत है बढ़िया
रंग के मामले में छली गयी तू
बोली नहीं सोच तक समाया
ये रंग भेद बहुत पुरानी बीमारी
कितने बाल मनों की कोमलता
इसने है हँस हँस कर मारी
जाकर बताए साँवली बेटी को
वो कितनी सुंदर अनमोल है
फिर समझाए दुनिया को भी
हर रंग की ज़िंदगी का मोल है
रंगभेद पे बड़ी बड़ी बातें मंच से जाके चिल्लाएँगे
घर में साँवली बेटी को गोरेपन की क्रीम दिलवाएँगे
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