रविवार, 11 मार्च 2018

!! ख़ुद खेलने की उम्र में भाई-बहन खिलाती लड़कियाँ !!

नन्ही-नन्ही हाथों से
नन्हें भाई को दुलारती 
छोटी-सी गोद में 
प्यार से संभालती।

पेड़ की छांव तले 
घास का बिछौना था 
पेड़ों की टहनियों से 
बना एक खिलौना था।

पिता गए शहर कमाने 
माँ घास काट रही 
आठ साल की बिटिया 
माँ का काम बाँट रही।

घास को समेटती 
भाई के संग खेलती 
भूख, प्यास, धूप घाम 
माँ के संग सब झेलती।

पशुओं को चारा पानी 
घर आँगन की सफ़ाई 
दौड़ के अभी पानी लायी  
झट से आ चूल्हा जलाई।

हर हक़ से वंचित रहती पर  
कर्त्तव्य से अधिक निभाती 
फिर भी कोई हर्षित न होता 
जब भी ये घर में हैं आती।

एक संक्षिप्त चित्र है ये 
लड़कपन से दूर जो लड़कियाँ 
ख़ुद खेलने की उम्र में 
भाई-बहन खिलाती लड़कियाँ।


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