वो दुश्मन को तोड़ के आए
उनके ठिकाने फोड़ के आए
सही जगह पे छोड़ के आए
उनकी कमाने मोड़ के आए
पर घरवालों ने ही पूछे सवाल
बिना बात का किया बबाल
दुश्मन ने जिसे बनाया ढाल
फिर भी न हुआ उन्हें मलाल
माँगे उनके शौर्य के प्रमाण
लेके गये जो हथेली पे जान
गर आता नहीं करना सम्मान
कम-से-कम न करो अपमान
मिल गया तुमको प्रमाण तेरा
जिसके लिए सेना को भी घेरा
तेरी पद प्रतिष्ठा आनी जानी
पर सिपाही का न बदले बसेरा
लो अब तो कर लो शांति
मिटा लो अपनी सब भ्रांति
रंग में फिर न भंग डालना
शुरू हो जब भी कोई क्रांति
नमन के जो हैं नायक ये
उन्हें करते हैं हम सलाम
छोड़ दो-चार उल्टी खोपड़ी
जन-जन करे उन्हें प्रणाम !
उनके ठिकाने फोड़ के आए
सही जगह पे छोड़ के आए
उनकी कमाने मोड़ के आए
पर घरवालों ने ही पूछे सवाल
बिना बात का किया बबाल
दुश्मन ने जिसे बनाया ढाल
फिर भी न हुआ उन्हें मलाल
माँगे उनके शौर्य के प्रमाण
लेके गये जो हथेली पे जान
गर आता नहीं करना सम्मान
कम-से-कम न करो अपमान
मिल गया तुमको प्रमाण तेरा
जिसके लिए सेना को भी घेरा
तेरी पद प्रतिष्ठा आनी जानी
पर सिपाही का न बदले बसेरा
लो अब तो कर लो शांति
मिटा लो अपनी सब भ्रांति
रंग में फिर न भंग डालना
शुरू हो जब भी कोई क्रांति
नमन के जो हैं नायक ये
उन्हें करते हैं हम सलाम
छोड़ दो-चार उल्टी खोपड़ी
जन-जन करे उन्हें प्रणाम !
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